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Showing posts from November, 2017

बवासीर हेनेके कारन, लशन, और बवासीर ऊपाये

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बवासीर बवासीर ख़तरनाक बीमारी है। बवासीर 2 प्रकार की होती है ख़ूँनी और बादी। खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नही होती है केवल खून आता है। बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है। कब्ज रहती है। कब्ज भी बवासीर को जन्म देती है, कब्ज की वजह से मल सूखा और कठोर हो जाता है जिसकी वजह से उसका निकास आसानी से नहीं हो पाता मलत्याग के वक्त रोगी को काफी वक्त तक पखाने में उकडू बैठे रहना पड़ता है, जिससे रक्त वाहनियों पर जोर पड़ता है और वह फूलकर लटक जाती हैं। बचाव के कई उपायों की अनुशंसा की गयी है जिनमें मलत्याग करते समय ज़ोर लगाने से बचना, कब्ज़ तथा डायरिया से बचाव शामिल है जिसके लिए उच्च रेशेदार भोजन तथा पर्याप्त तरल को पीना या रेशेदार पूरकों को लेना तथा पर्याप्त व्यायाम करना शामिल है। प्रिय दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बवासीर होने के कारण के बारे में बतायेंगे. दोस्तों यह रोग आज के समय में काफी तेजी से बढ़ता जा रहा हैं, जहां ये रोग वृद्ध व्यक्तियों को होता था वही अब के समय में यह कम उम्र के व्यक्तियों को भी होने लगा है. इसलिए यह एक गम्भीर विषय बनता जा रहा है- बवासीर होनेकी वजाह 1. दोस्तों सभी रो...

आप को पता है आनार के छिलके के फायदे ?

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आप को पता है आनार के छिलके के फायदे मौसम में बदलाव या खान-पान में आई गड़बड़ी के कारण खांसी होने की शिकायत हो जाती है। कुछ लोग जल्द ही इस तरफ ध्यान नहीं देते और खांसी बिगड़ जाती है। लंबे समय सो हो रही खांसी आपको परेशान कर देती है। इससे सांस फूलना,बलगम,मुंह का सूखना जैसे लक्षण दिखाई देने लगते है। दवाइयों के साथ-साथ घरेलू नुस्खों से भी इस परेशानी से राहत पाई जा सकती है। आइए जानें अनार का छिलका किस तरह इस्तेमाल करने से आप इससे परेशानी से छुटकारा पा सकते हैं। इस तरह इस्तेमाल करें अनार का छिलका अनार सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। गुणों से भरपूर अनार के बहुत से फायदे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि खांसी से राहत पाने में इसके छिलके भी बहुत कारगर हैं। आइए जानें किस तरह करें अनार के छिलकों का इस्तेमाल। – अनार के छिलको को धूप में सुखाकर बारिक पीस लें। सुबह शाम रोजाना अनार के छिलके का चूर्ण 1-1 छोटा चम्मच खाएं। आप इसे चाय या फिर गुनगुने पानी के साथ भी सेवन कर सकते हैं। दात के मजबुत करता हा और दर्द कम करता है इस के छिलको को सुका के और जला के  बारीक पीसले | इ से रोजाना दात घसे इस से आप के ...

चुकंदर (शेलजम) ठंडी मे बनाता है सेहत और सुंदता

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                            चुकंदर (शेलजम )         ठंडे मौसम में बनाता है स्वस्थ और सुंदर भारतीय भोजन थाली में सलाद के रूप में चुकंदर का उपयोग काफी प्रचलित है। गहरे लाल बैंगनी रंग का यह कंद प्रायः शरीर में खून बढ़ाने के गुण के कारण खाया जाता है। लौह तत्व के अलावा चुकंदर में विटामिंस भी भरपूर पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से विटामिन ए, बी, बी 1, बी 2, बी 6 व विटामिन सी की पूर्ति सहज ही हो जाती है। कम लोग जानते हैं कि चुकंदर में लौह तत्व की मात्रा अधिक नहीं होती है, किंतु इससे प्राप्त होने वाला लौह तत्व उच्च गुणवत्ता का होता है, जो रक्त निर्माण के लिए विशेष महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि चुकंदर का सेवन शरीर से अनेक हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में बेहद लाभदायी है। चुकंदर के संबंध में एक अन्य महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि इसके कंद के अलावा चुकंदर की हरी पत्तियों का सेवन भी बेहद लाभदायी है। इन पत्तियों में कंद की तुलना में तीन गुना लौह तत्व अधिक होता है। पत्तियों में विटामिन ए भी भरपूर मात्रा में पा...