बवासीर हेनेके कारन, लशन, और बवासीर ऊपाये

बवासीर

बवासीर ख़तरनाक बीमारी है। बवासीर 2 प्रकार की होती है ख़ूँनी और बादी। खूनी बवासीर में किसी प्रकार की तकलीफ नही होती है केवल खून आता है। बादी बवासीर रहने पर पेट खराब रहता है। कब्ज रहती है।



कब्ज भी बवासीर को जन्म देती है, कब्ज की वजह से मल सूखा और कठोर हो जाता है जिसकी वजह से उसका निकास आसानी से नहीं हो पाता मलत्याग के वक्त रोगी को काफी वक्त तक पखाने में उकडू बैठे रहना पड़ता है, जिससे रक्त वाहनियों पर जोर पड़ता है और वह फूलकर लटक जाती हैं।

बचाव के कई उपायों की अनुशंसा की गयी है जिनमें मलत्याग करते समय ज़ोर लगाने से बचना, कब्ज़ तथा डायरिया से बचाव शामिल है जिसके लिए उच्च रेशेदार भोजन तथा पर्याप्त तरल को पीना या रेशेदार पूरकों को लेना तथा पर्याप्त व्यायाम करना शामिल है।

प्रिय दोस्तों आज के इस लेख में हम आपको बवासीर होने के कारण के बारे में बतायेंगे. दोस्तों यह रोग आज के समय में काफी तेजी से बढ़ता जा रहा हैं, जहां ये रोग वृद्ध व्यक्तियों को होता था वही अब के समय में यह कम उम्र के व्यक्तियों को भी होने लगा है. इसलिए यह एक गम्भीर विषय बनता जा रहा है-



बवासीर होनेकी वजाह

1. दोस्तों सभी रोगों व बिमारियों के होने का एक ही कारण है और वह है अनियमित जीवनशैली न हमारे भोजन करने का कोई निश्चित समय है और न ही शौच करने का और जब व्यक्ति नियमित रूप से सही ढ़ंग से अपना पेट साफ़ नहीं कर पाता तो बवासीर जैसे रोग से ग्रस्त हो जाता है।

2. अपने भोजन में अधिक मात्रा में मिर्च मसाले का सेवन करना भी बवासीर होने का कारण है.

3. गरीष्ठ भोजन का सेवन करना भी बवासीर होने का एक कारण है।

बवासीर के लक्षण

1. मल त्याग शौच करते वक्त गुदाद्वार में खून निकलना, यह खून बूंदों में या एक धार के रूप में निकल सकता है.

2. गुदाद्वार के अंदर बवासीर के मस्से होने पर उनमें सूजन हो जाती है, या यूं कहें की गुदाद्वार की नसों में जब किसी कारण वश दबाव पडता है तो उनमें सूजन हो जाती है. जिसे हम मस्सा कहते हैं.

3. बवासीर होने पर कई बार रोगी को मलत्याग करने के बाद भी ऐसा महसूस होता है कि उसका पेट अभी भी साफ् नहीं हुआ.

4. बवासीर के मस्से होने का लक्षण प्रथम है, यह कब्ज आदि रोगो में भी नजर आता है.

5. मलत्याग करते समय गुदाद्वार में दर्द सा महसूस होता हैं.

6. बवासीर के शुरूआती लक्षणों में रोगी को गुदाद्वार में हलकी सी खुजली होने लगती है. यह खुजली गुदाद्वार के नजदीक होती है.

7. गुदाद्वार में से म्यूकस स्लेष्मा भी निकलने लगता है.

बवासीर के ऊपाये

इन घरेलू तरीकों से करें इलाज

1. एलोवेरा


एलोवेरा जेल को फ्रिज में ठंडा करने के बाद बवासीर के मस्सों पर धीरे-धीरे मसाज करें। रोजाना मालिश करने से आपको बवासीर और उसके मस्सों से छुटकारा मिल जाएगा।

2. गोल्डन रॉड पौधा
1/4 कप गोल्डन रॉड को 2 कप पानी में 15 मिनट तक उबाल लें। इसे नहाने के पानी में मिक्स करके रोजाना इसके पानी से स्नान करने पर 2 हफ्ते में ही बवासीर दूर हो जाएगी।

3. विच हैजल
कॉटन को विच हैजल में भिगोकर मस्सों पर धीरे-धीरे लगाएं। नियमित रूप से इसे लगाने पर बवासीर जड़ से खत्म हो जाएगी।

4. यैरो पौधा
इसे पानी में उबाल कर रोजाना इसके पानी से स्नान करें। इससे आपको बवासीर जलन से छुटकारा मिलेगा।

5. मुली

मूली हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। मूली खाने के कई फायदे हैं, ऐसे तो मूली स्वाद में तीखा होता है लेकिन मूली खाना आपके स्वस्थ के लिए बहुत ही अच्छा होता है। बहुत कम लोग ही जानते हैं कि बवासीर के इलाज में मूली बहुत उपयोगी होता है। मूली के नियमित सेवन से कुछ ही महीनो इस समस्या को दूर किया जा सकता है। बवासीर के रोगियों के साथ सबसे बड़ी समस्या हमेशा यह रहती है कि वे डॉक्टर से मिलना नहीं चाहते हैं, लेकिन इस उपाय से कुछ दिनों के भीतर रोगी कि स्तिथि बेहतर होने लगती है।




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